Friday, December 11, 2015

निम्न योग पत्नी सुख में बाधा डालते है

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निम्न योग पत्नी सुख में बाधा डालते है।


कुंडली में सप्तम भाव से पत्नी का भाव होता है, तथा इसका करक शुक्र होता है, जब सप्तम भाव ,सप्तमेश तथा शुक्र शुभ ग्रहों से युक्त अथवा दृष्ट होतो, पत्नी सुख मिलता है और ये पाप प्रभाव अथवा अशुभ भाव में होतो पत्नी सुख में बाधा आती है। निम्न योग पत्नी सुख में बाधा डालते है।
१. जब लग्न, द्वितीय , चतुर्थ, सप्तम, अष्टम , द्वादश भाव में मंगल शत्रु राशी में हो.
२. चतुर्थ भाव का मंगल घर में क्लेश करता है।
३. सप्तम भाव में शनि नीच (मेष) अथवा शत्रु राशी का हो तथा उस पर मंगल की दृष्टी होतो, दाम्पत्य जीवन कष्टमय होता है।
४. सप्तम भाव में बुध +शुक्र की युती ४५-५० साल की उम्र में पत्नी सुख मिलता है।
५. सप्तम भाव पर सूर्य, राहू का प्रभाव जातक को अपने पत्नी/पति से अलग करते है। अथवा तलाक करवा देते है।
६. लग्न (१) भाव में सूर्य+राहू की युती दाम्पत्य जीवन में बाधा डालते है।
७. लग्न में सूर्य जातक को क्रोधी बनाता है।
८. सप्तम भाव में सूर्य पत्नी को क्रोधी बनाता है।
९. सप्तम में नीच राशी का चन्द्रमा (८) वृश्चिक राशी का अथवा पाप राशी का चन्द्रमा हो और उस पर पाप ग्रह की दृष्टी होतो, जातक अपनी पत्नी/पति को खो बैठता है।
१०. यदि सप्तम भाव में शनि +चन्द्र की युती जातक को विधवा स्त्री दिलवा देते है।
११. यदि सप्तमेश राहू या केतू से युक्त होतो, जातक पर-स्त्री गामी होता है।
१२. सप्तम भाव में राहू जातक को दूसरे की स्त्री में आशक्त करता है।
१३. सप्तम में मकर राशी का गुरू (१०) होतो दाम्पत्य जीवन कष्टमय होता है।
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१. चन्द्र +राहू युति होतो मानसिक चिंता , पति / पत्नी की मानसिक स्थिति में असंतुलन होता है।
२. मंगल+राहू की युति से अड़ियल स्वभाव अथवा एक दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुँचाना।
३. शुक्र +राहू की युति से जातक के पत्नी के अलावा अन्य स्त्री से सम्बन्ध के कारण अथवा माता-पिता की इच्छा के बिना विवाह कारण तलाक।
४. सूर्य+राहू पति, पत्नि के पद , ओहदे अथवा आर्थिक स्थिति को लेकर मतभेद , तथा तलाक की नौबत।
५. शनि +राहू एक दूसरे से अलग रहने के कारण , अशांति तथा तलाक।
६. बुध+राहू -दिमागी सोच में असमानता के कारण अशांति तथा तलाक।
७. मंगल+शुक्र+राहू -घरेलू अशांति -दुःख तथा अंत तलाक।
८. शुक्र+चन्द्र +राहू प्रेम में घाटा ही घाटा। स्त्रीयों से हानि, घरेलू अशांति। पराई औरतों से सम्बन्ध अंत में तलाक।
यदि उपरोक्त ग्रह योग २-७ -११ वे भाव में होतो , ज्यादा प्रभावशाली है
(
उपरोक्त योग होने पर अंत तलाक में होता है )
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