Tuesday, November 18, 2014

बताओ मैं हु कौन

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बताओ मैं हु कौन ?

जहा दिन में भी अँधियारा छाए 
बिजली बिन पानी न आए
एक बार आप कानपुर तो आए !

जहा रोज़ रोज़ी रोटी है टूटती 
गरीब ही नहीं आमिर की किस्मत है फूटती 
आपको कानपुर की क्यों नहीं सूझती !

जहा सड़के न सही गड्डे है मिलते 
जहा बिना ट्रेफिक के है सब भिडते 
आप कानपुर में क्यों नहीं घूमते !

जहा घर से लेकर गंगा तक है गन्दगी 
जहा पर अब भाई भाई की नहीं है बनती 
फिर आपके कानो में कानपुर की जूं क्यों नहीं रेंगती !

जहा मीले और फैक्ट्रिया सब हो गई है बंद 
यहाँ गलियों से लेकर सड़के तक है तंग 
आपका विकास कानपुर आ कर क्यों हो जाता है मंद !
 
यहाँ मसाला थूकने में शर्ते है लगती 
यहाँ से ही कैंसर की जड़े है निकलती 
अब आप ही बताए  आपकी कानपुर से क्यों नहीं बनती ?

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